दबंग रिपोर्ट कोलारस-
मध्यप्रदेश में काफी चर्चित रहे गुना काण्ड में राजनीतिक हस्तक्षेप के बाद प्रशासन की जिस तरह किरकिरी हुई थी वह तोहमत अभी मिटी नहीं कि विगत दिनों कोलारस तहसीलदार ने सारे प्रशासन की किरकिरी करादी ह,ै जी हां जिस तरह गुना काण्ड में अतिक्रमण हटाये जाने को लेकर प्रशासन की कार्यवाही पर राजनीतिक रोटियां सेकने बालों ने सरकार पर जमकर दबाव वनाया और सरकार ने भी दबाव में आकर जिस तरह आनन-फानन में प्रशासनिक अधिकारीयों को तत्काल प्रभाव से निलंवित कर जांच विठा दी उसके बाद से समूचे मध्यप्रदेश में न केबल भू-माफियाओं के हौसले ही बुलंद हुऐ हैं बल्कि प्रशासन की भी जमकर किरकिरी हुई है। जिसके बाद से अब भू-माफिया प्रशासन की नाक में दम करते नजर आ रहे हैं। यानी कि अब भू-माफियाओं के आगे प्रशासन नतमस्तक होता दिखाई दे रहा है। जिसका ताजा उदाहरण विगत दिनांक 03 सितम्वर को कोलारस में देखने को मिला जब कोलारस तहसीलदार अखिलेश शर्मा राजस्व अमला सहित पुलिस बल के साथ मन्दिर श्रीमुरली मनोहर राधा कृष्ण जी की गोराकस्वा में स्थित शासकीय भूमि पर से अतिक्रमण हटाने पहुंचे थे लेकिन यहां पूर्व से ही उपस्थित अतिक्रमकारीयों की 05 महिलाओं ने तहसीलदार की कार्यवाही का विरोध करते हुऐ उक्त भूमि से अतिक्रमण नहीं हटाने दिया और नतीजन तहसीलदार अखिलेश शर्मा को विना कार्यवाही वापस लौटना पड़ा, लेकिन इस बीच मौके पर शासकीय कार्य में वाधा बनी उक्त पांचों महिलाओं पर तहसीलदार द्वारा राजस्व निरीक्षक को निर्देशित कर पंचनामा तैयार करा लिया था जिससे कि उक्त पांचों महिलाओं पर शासकीय कार्य में बाधा की कार्यवाही की जा सके । लेकिन उसके बाद आज लगभग दो सप्ताह बीत जाने के बावजूद भी कोलारस तहसीलदार उक्त महिलाओं पर मुकदमा दर्ज नहीं करा सके हैं। जिसके चलते अंचल में कोलारस प्रषासन की जमकर किरकिरी होती साफ देखी जा सकती है।
तहसीलदार ने उक्त मामले से झाड़ा पल्ला-
इस विषय में जब कोलारस तहसीलदार अखिलेश शर्मा से चर्चा की गई तो पहले तो वे कार्यवाही का आश्वासन देते रहे लेकिन अब उक्त मामले से पल्ला झाड़ते हुऐ अनुविभागीय अधिकारी की ओर इशारा करते हुऐ बताया कि इस विषय में अब जो भी कार्यवाही होगी वह एसडीएम करेंगे ।
अंचल के छुटभैया नेता दे रहे हैं भ-माफियाओं को संरक्षण-
उक्त मामले में प्रशासनिक कार्यवाही को वाधित करने में अंचल के कुछ छुटभैया नेताओं का भी हाथ रहा है जिन्होंने भू-माफियाओं को संरक्षण प्रदान कर रखा है तथा उक्त कार्यवाही को रोकने के लिये प्रशासन पर दबाव वनाने का भी हर संभव प्रयास किया जा रहा है।
प्रभारी राजस्व निरीक्षक कर रहा है अतिक्रमणकारीयों की पैरवी-
उक्त मामले में प्रशासन द्वारा कार्यवाही किये जाने को लेकर जो दिन निश्चित किया गया तथा जो योजना बनाई गई थी उसकी सूचना पूर्व से ही अतिक्रमणकारीयों को दी जा चुकी थी तथा आरोप यह भी है कि कोलारस तहसील का प्रभारी राजस्व निरीक्षक अतिक्रमणकारीयों को उक्त मामले की सभी प्रशासनिक गतिविधियों से अबगत करा रहा था इसके अलावा पूर्व में उक्त प्र.राजस्व निरीक्षक द्वारा फरियादी को राजीनामा आदि का सुझाव भी अतिक्रमणकारीयों की ओर से भेजा गया था अर्थात प्रशासन की किरकिरी कराने में उक्त प्र.राजस्व निरीक्षक की महत्वपूर्ण भूमिका रही है।
कुल मिलाकर इस पूरे मामले में कोलारस प्रशासन की जमकर किरकिरी हो रही है जो कि किसी भी प्रकार से सही नहीं हैं। अतः नवागंतुक अनुविभागीय अधिकारी को उक्त मामले की गंभीरता और प्रशासनिक गरिमा को ध्यान में रखते हुऐ उचित कार्यवाही का निर्णय लेना चाहिऐ। जिससे आगामी समय में भू-माफियाओं द्वारा महिलाओं को प्रशासनिक कार्यवाहीयों में वाधा बनाने के इस हथकण्डे पर अंकुश लगाया जा सके तथा कानून को हाथ में लेने वालों के लिये एक उदाहरण प्रस्तुत हो सके।