आज भले ही हमें लोकतंत्र का चौथा स्तम्भ कहा जाता है साथ ही हमें पूर्णत: स्वतंत्र भी कहा जाता है लेकिन क्या हम बाकई में स्वतंत्र हैं यह एक बिचारणीय पहलु है ,क्या आज बाकई में हमें अभिब्यक्ति की स्वतंत्रता है।
आज मीडिया जगत में आये बड़े बड़े ब्यापारियों, राजनेताओं और साथ ही हावी होते ब्यवसाईकरण और यही नहीं बल्कि मीडिया जगत का सितारा बने धन कुबेरों ने एक कलमकार की कलम को मानो जैसे गिरबी रख दिया हो ,आज एक कलमकार मजबूर है बह दिखाने को जिसे उसके आका देखना चाहते हैं ,इसी सब के परिणाम स्वरुप आज मीडिया जगत की जो छवि द्दूमिल हो रही है बह जग जाहर है।
इसी सब के बीच आपका हमारा यह "दबंग न्यूज़" एक ऐसा मंच है जहाँ केबल और केबल स्वतंत्रता का ही समाबेश है ,यहाँ हम अपने बिचार बिना किसी चाटुकारिता या किसी स्वार्थ के एक निष्पक्ष रूप से रखकर हमारे समाज के प्रति अपने दायत्व का निर्बहन करते हैं।
आज मीडिया जगत में आये बड़े बड़े ब्यापारियों, राजनेताओं और साथ ही हावी होते ब्यवसाईकरण और यही नहीं बल्कि मीडिया जगत का सितारा बने धन कुबेरों ने एक कलमकार की कलम को मानो जैसे गिरबी रख दिया हो ,आज एक कलमकार मजबूर है बह दिखाने को जिसे उसके आका देखना चाहते हैं ,इसी सब के परिणाम स्वरुप आज मीडिया जगत की जो छवि द्दूमिल हो रही है बह जग जाहर है।
इसी सब के बीच आपका हमारा यह "दबंग न्यूज़" एक ऐसा मंच है जहाँ केबल और केबल स्वतंत्रता का ही समाबेश है ,यहाँ हम अपने बिचार बिना किसी चाटुकारिता या किसी स्वार्थ के एक निष्पक्ष रूप से रखकर हमारे समाज के प्रति अपने दायत्व का निर्बहन करते हैं।