आरोपी सैल्समैन को अभयदान देने की तैयारी में प्रशासन
दबंग कोलारस-
कोलारस अंचल के ग्राम पंचायत अटरूनी में गरीबों के हक के राषन को बाजार में बेचने बाले सैल्समैन के विरूद्ध पांच दिन बीत जाने के उपरान्त भी प्रषासन कोई कार्यवाही नहीं पाया है उक्त मामले में सक्षम अधिकारी केवल जांच की आड़ लेकर आरोपी को अभयदान देने का प्रयास करते नजर आ रहे हैं जबकि उक्त मामले में जांच का कोई विन्दु षेष नहीं रह गया है लेकिन फिर भी प्रषासन द्वारा उक्त मामले में जांच की आड़ लेकर आरोपी सैल्समैन पर मेहरवानी की जा रही है।
यहां बताना लाजमी होगा कि ग्राम पंचायत अटरूनी में शासन द्वारा भेजा गया राषन हितग्राहीयों को वितरण न कर बाजार में बेचे जाने का मामला विगत दिवस मंगलवार की रात्रि सामने आया था जब ग्रामीणों ने स्वयं सरकारी खादान्न ट्रेक्टर- ट्राली से लेजाकर ब्यापारी के गोदाम पर बिकते हुऐ पकड़ा था और मामले की सूचना लुकवासा पुलिस को दी थी जिसके बाद पुलिस द्वारा उक्त माल को अपने संरक्षण में लेकर खाद्य विभाग को सूचित किया गया था लेकिन इसके बाद भी अभी तक खाद्य अधिकारी द्वारा उक्त मामले में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई गई है।
जांच की आड़ में मामला रफादफा करने की तैयारी में खाद्य विभाग-
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार उक्त मामले में जांच की आड़ लेकर खाद्य अधिकारी द्वारा मामले को रफादफा करने का प्रयास किया जा रहा है क्योंकि इस पूरे मामले में जांच का कोई विन्दु शेष ही नहं है यहां केबल खाद्य अधिकारी को यह देखना है कि उक्त खादान्न सरकारी है या नहीं, और अगर है तो यह बाजार में बिकने कैसे आया। खाद्य अधिकारी को इस विषय में तत्काल दाषी के विरूद्ध पुलिस प्राथमिकी दर्ज करानी चाहिऐ।
मामला कुछ और जांच कुछ -
उक्त मामले में यदि विभागीय सूत्रों की मानें तो खाद्य अधिकारी द्वारा की गई जांच के विषय का मामले से कोई सरोकार नहीं है क्योंकि उक्त मामला गरीबों के राषन को बाजार में बेचने का है जिसमें बतौर साक्ष्य खादान्न से भरा ट्रैक्टर-ट्राली पुलिस जप्ती में मौजूद है लेकिन खाद्य अधिकारी द्वारा उक्त मामले से पूर्व ग्रामीणों द्वारा अनुविभागीय अधिकारी को खादान्न न मिलने के संबंध में की गई षिकायत पर ग्रामीणों के बीच पहुंच कर जांच की गई है कि आखिर किन- किन लोगों को राषन मिला है और किनको नहीं। जबकि मूल विषय सरकारी राषन बाजार में बिकने का है कि आखिर गरीबों के लिये सरकार द्वारा भेजा जाने बाला राषन बाजार में कैसे पहुंचा?