दबंग रिपोर्ट पोहरी-
यूं तो खनन माफियाओं
की गहरी जड़े पूरे अंचल में जमी हुईं हैं जिनको उखाड़ पाना अब प्रशासन के वस से
बाहर सा प्रतीत हो रहा है। पूरे जिले में जमकर माफियाओं द्वारा कहीं तो नदियों का
तो कहीं धरती का सीना चीरा जा रहा है तो जीवनदायी बृक्षों को काटने का सिलसिला बे
रोकटोक जारी है। लेकिन इस बीच कभी-कभी औपचारिकता पूर्ण कार्यवाही भी जब देखने को
मिलती है तब कहीं कोई बड़ी घटना घटित हो जाये और फिर मामला ठंडा होते ही वही रवैया
वदस्तूर जारी रहता है । शिवपुरी जिले की पोहरी तहसील भी अबैध उत्खनन के मामले
में एक ऐसी नजीर बनती जा रही है जहां माफियाओं का बाहुवल हर प्रकार से प्रशासन को
पंगू साबित करता नजर आ रहा है यह एक ऐसा क्षेत्र है जहां माफिया इतना वेखौफ है कि
दिन दहाड़े खुलेआम अबैध उत्खनन को अंजाम दिया जा रहा है। यहां सूत्रों की मानें
तो यह सब निगेहवानों में सरपरस्ति में ही हो रहा है पोहरी और बैराड़ थाना अंतर्गत
देखा जाये तो करीव आधा सैकड़ा से अधिक ट्रेक्टर अबैध उत्खनन के कार्य में लिप्त
है और प्रत्येक ट्रेक्टर मासिक सुविधा शुल्क अदा करने पर ही इस कार्य को कर रहा
है।
बैराड़ थाना अंतर्गत
दो दर्जन से अधिक ट्रेक्टरों से हो रहा अबैध उत्खनन-
जिले के बैराड़ थाना
क्षेत्र में लगभग दो दर्जन से अधिक ट्रैक्टर रेत खनन में लगे हुऐ हैं हालात यह
हैं कि दिन भर सड़क किनारे बैठ यहां इस अबैध उत्खनन के वेखौफ नजारे को सहज ही
देखा जा सकता है यहां बताना लाजमी होगा कि बैराड़ थाना क्षेत्र के लगभग आधा दर्जन ग्रामों
से होकर पार्वती नदी गुजरती है जिनमें ऐंचवाड़ा, वहरगमा, फुलीपुरा, भीमलाठ, खरई जालिम, टोरिया खालसा आदि शामिल
है जहां माफियाओं द्वारा पार्वती नदी के घाटों से जमकर रेत निकाल कर बाजार में
बेची जा रही है।
ग्रामीणों में रेत माफियाओं के खिलाफ भारी आक्रोश-
बैराड़ थाना क्षेत्र के उक्त ग्रामों में अबैध उत्खनन के चलते स्थित यह है
कि यहां दिन भर रेत परिवहन होने से इन ग्रामों की सड़कों की हालत जरजर हो गई है
इसके अलावा यहां के ग्रामीण सारा दिन इन रेत के ट्रैक्टरों से उडने वाली धूल
फांकने पर मजबूर हैं। हालांकि इस मामले को लेकर पुर्व में ग्रामीणों द्वारा
प्रशासन और जनप्रतिनिधियों को भी चेताने का खूब प्रयास किया लेकिन बात तो वहां खत्म
हो गई कि इन दोनों की सहमति ही मुख्य वजह है।
घटना,
दुर्घटनाओं
से भी नहीं जागा प्रशासन-
उक्त क्षेत्र में माफियाओं की सक्रियता का अंदाजा इस घटनाक्रम से लगाया जा
सकता है कि वर्ष 2019 में पोहरी एसडीएम बैराड़ क्षेत्र में अबैध उत्खनन रोकने
पहुंचे तो वेखौफ माफियाओं द्वारा एसडीएम पर ट्रैक्टर चढ़ाने का प्रयास किया गया
था जिस घटना में पोहरी एसडीएम बाल-बाल बचे थे इसके अलावा एैसी अन्य कई घटनाऐं इस
क्षेत्र में घटित हो चुकी हैं।
और यहां बात करें दुर्घटनाओं की तो अभी ज्यादा समय नहीं हुआ है कि ऐंचवाड़ा रेत खदान में दबकर मजदूरों की मौत का मामला सामने आया था इसके अलावा पूर्व में भी यहां रेत खदानों में दबकर मजदूरों की मौत के मामले सामने आते रहे हैं लेकिन बावजूद इस सब के आज तक इस क्षेत्र में प्रशासन द्वारा इस अबैध उत्खनन पर लगाम लगाने के लिये कोई ठोस कदम नहीं उठाये हैं।