दबंग रिपोर्ट लुकवसा-
जहां एक ओर प्रशासन समय समय पर अतिक्रमण विरोधी मुहिम चला कर अपना शक्ति
प्रदर्शन वखूबी करता है लेकिन फिर भी ऐसी कोन सी कमी रह जाती है कि मुख्य
अतिक्रमण की ओर कभी प्रशासन का ध्यान ही नहीं जाता जी हां विगत दिनों से लगातार
देखने में आ रहा है कि जिला प्रशासन सीएम की मंशा का हवाला देकर भूमाफियाओं के
विरूद्ध तावड़तोड़ कार्यवाही कर सरकारी जमीनों को मुक्त कराने का प्रयास कर रहा
है लेकिन जहां वास्तविकता में आवश्यक्ता है वहां प्रशासन की नजरें कभी नहीं पहुंच
पातीं या फिर सब कुछ देखकर भी प्रशासन मूक दर्शक की भूमिका अदा करता है यह वाजिव
प्रश्न हैा
मामला कोलारस तहसील के अन्तर्गत ए.बी. रोड़ से सटे ग्राम लुकवासा का है जहां
वर्षों से ग्राम के ही रसूखदार जनप्रतिनिधी के कब्जे वाली मुख्य सरकारी धरोहर
पशुचिकित्सालय तथा फॉरेस्ट चौकी की सरकारी जमीन प्रशासन की हिटैची की वाट इस आस
में जोहती नजर आ रही है कि शायद कभी तो प्रशासन यहां आकर कार्यवाही कर इस जमीन को
मुक्त करायेगा लेकिन विडम्वना कि आज दिनांक तक प्रशासनिक आंखें यहां का अतिक्रमण
नहीं देख सकी हैं ।
ऐसा नहीं है कि उक्त मामला किसी से छुपा हुआ हो समय-समय पर उक्त मामले को
लेकर खबरें छपती रहीं हैं और तो और उक्त मामले की शिकायतें भी कई बार जिम्मेदारों
को की गईं हैं लेकिन फिर ऐसी कोन सी रूकावट है जो प्रशासन को लुकवासा तक पहुंचने
से हर वार ही रोक देती है और फिर इन दिनों चल रही अतिक्रमण विरोधी मुहिम वाकई में
सीएम की मंशा पर चल रही है या सत्ताधारियों के इशारे पर यह भी एक वड़ा सबाल है।
क्योंकि अभी तक जिला प्रशासन द्धारा जहां-जहां अतिक्रमण विरोधी मुहिम के तहत
हिटैची चलाई गई है उनमें अधिकांश अतिक्रमण कांग्रेस के नेताओं का वताया जा रहा है
अर्थात इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि प्रशासन की इस कार्यवाही का मक्सद न तो
सरकारी जमीनों को मुक्त कराना है और न ही अतिक्रमणकारीयों, भूमाफियाओं पर नकेल कसना
उक्त कार्यवाही का सीधा सा मक्सद विपक्षीयों के हौसलों को ध्वस्त करना है ।
जिसके चलते वर्षों से अतिक्रमण की चपेट में शासन की वेसकीमतें जमीनों पर
प्रशासन की हिटैची नहीं गरज पा रही है।