दबंग रिर्पोट कोलारस
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सीएम हैल्पलाइन की शिकायतों
को लेकर हमेशा ही सीएम से सख्त तेवर देखने को मिलते हैं। और तो और हर सप्ताह जिला मुख्यालय
पर होने वाली टीएल बैठक में भी जिला कलैक्टर द्वारा सीएम हैल्पलाइन के प्रकरणों को
गंभीरता से निपटाने की हिदायत अधीनस्थ अधिकारीयों को दी जाती है लेकिन वावजूद इसके
सीएम के सख्त तेवरों और जिला दण्डाधिकारी की हिदायत का कितना असर जिले में देखने
को मिल रहा यह मुख्य बात है। ताजा मामला कोलारस तहसील का है जहां फरियादी द्वारा एक
नहीं वल्कि कई बार सीएम हैल्पलाइन पर शिकायत दर्ज कराई गई है परन्तु कोलारस तहसीलदार
द्वारा भ्रामक जबाव देकर हर बार मामले को टाल दिया जाता है और इतना ही नहीं वल्कि देखने
में आ रहा है कि सीएम हैल्पलाइन की शिकायतों में विना किसी कार्यवाही के ही तहसीलदार
महोदय द्वारा अधीनस्थ कर्मचारीयों से शिकायतकर्ता को फोन लगवाकर शिकायत बंद कराने
के लिये दबाव बनाया जाता है।
मामला कोलारस के मुरली मनोहर मंदिर की भूमि का-
मामला कोलारस नगर में स्थित मुरली मनोहर राधा कृष्ण जी मन्दिर की शासकीय भूमि
का है जिस पर भूमाफियाओं द्वारा वर्षों से अबैध कब्जा कर लिया गया है जिसका प्रकरण
कोलारस तहसील में प्रचलित है जिसमें वर्षों से अधिकारीयों द्वारा टालमटोल कर भूमाफियाओं
को अभयदान दिया जा रहा है जबकि भूराजस्व संहिता की धारा 248 के तहत सभी प्रकार से
कब्जा धारियों पर दोष सिद्ध हो चुका है और पूर्व में कब्जा हटाने के लिये भी कोलारस
तहसीलदार द्वारा मय दल वल के औपचारिक कार्यवाही की गई लेकिन प्रशासनिक अमला विना किसी
कार्यवाही के ही मौके से लौट आया और फरियादी को कब्जाधारियों की सोयबीन की फसल कट
जाने के उपरान्त पुन: कब्जा दिलाये जाने की बात कही गई थी लेकिन इसके बाद आज दिनांक
तक कोलारस तहसीलदार द्वारा मामले में कोई निर्णायक कार्यवाही नहीं की गई है जिसे लेकर
शिकायतकर्ता द्वारा सीएम हैल्पलाइन का सहारा लिया गया है ।
पटवारी करता है सीएम हैल्पलाइन भोपाल के नाम से फोन-
विगत दिनों देखने में आया कि कोलारस तहसीलदार द्वारा सीएम हैल्पलाइन के एक प्रकरण
में पटवारी आशीष गुप्ता जो कि कोलारस तहसील के कोटानाका पर पदस्थ है उससे शिकायतकर्ता
को फोन लगवाकर सीएम हैल्पलाइन भोपाल से कॉल करना बताया गया और कहा कि आपके मामले में
कार्यवाही की जा चुकी है अब आप अपनी शिकायत बंद करा दीजिये इस पर जब शिकायतकर्ता द्वारा
पूछा गया कि क्या कार्यवाही हुई तो उक्त पटवारी कोई संतुष्ट जवाव नहीं दे पाया और
फोन काट दिया। इससे सिद्ध होता है कि किस प्रकार अधिकरीयों द्वारा शिकायतकर्ताओं को भ्रमित किया जा रहा है।
अर्थात वरिष्ठों की हिदायत को भी हवा में उडाकर यदि वास्तविक हालात यह हैं तो
अंदाजा लगाया जा सकता है कि कोलारस अनुविभाग सहित जिले में सीएम हैल्पलाइन की क्या
हालत होगी। उक्त मामले को जिला दण्डाधिकारी महोदय को गंभीरता से संज्ञान में लेकर
संबंधितों के खिलाफ उचित कार्यवाही करना चाहिऐ।