दबंग रिपोर्ट कोलारस-
भ्रष्टाचार के मामलों में हमेशा से ही सुर्खियों में रहने वाली जिले की कोलारस जनपद पंचायत की ओर आज दिनांक तक न ही कभी जिला प्रशासन ने कोई सख्त रुख इख्तियार किया और न ही किसी क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों ने, जिसके फलस्वरूप बिगत बर्षों से यहां भ्रष्टाचार का बोलवाला है । जिसके कारण एक ओर ग्राम विकास अवरुद्ध हो रहा है तो बहीं दूसरी ओर शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ भी हितग्राहियों को न मिल पाने के चलते सरकार की किरकिरी भी जमकर होती नजर आ रही है ।जिसका मुख्य कारण कोलारस जनपद पंचायत के मुखिया का भ्रष्ट रबैया है और फिर जब मुखिया ही ऐसा हो तो फिर अन्य स्टाफ कैसा होगा इसका अंदाजा भी बखूबी लगाया जा सकता है। शासन द्वारा ग्राम विकास के लिए खर्च की जाने वाली करोड़ों की राशि को कमीशन के फेर में किस प्रकार खुर्द बुर्द कर विकास कार्यों को गुडवत्ता हीन तरीके से कराया जाकर कागजों में दर्ज किया जा रहा है इसका प्रमाण हमें किसी भी पंचायत की जांच के उपरांत मिल जाएगा लेकिन बाबजूद इसके आज तक किसी भी बरिष्ट अधिकारी द्वारा उच्च स्तरीय जांच करा धरातल की ओर झांकने का प्रयास नहीं किया गया है।जिसके चलते कोलारस जनपद पंचायत में हमेशा की तरह ही भ्रष्टाचार बदस्तूर जारी है।
शिकायतों के बाबजूद भी नहीं होती कार्यवाही-
यही नहीं बल्कि आलम यह भी है कि ग्राम पंचायतों में होने वाले घटिया निर्माण कार्यों की शिकायत किये जाने के उपरांत भी मुखिया द्वारा कोई शख्त कदम नहीं उठाया जाना बिभागीय सांठ-गांठ को स्पष्ट करता है ।
जनप्रतिनिधियों की उदासीनता भी है मुख्य कारण-
जनपद पंचायत में व्याप्त भ्रष्टाचार का एक मुख्य कारण जनप्रतिनिधियों की उदासीनता भी है जिसका भरपूर फायदा सरपंच-सचिव सहित उपयंत्री तथा जनपद प्रशासन उठा रहा है । यहां यह कहना गलत नहीं होगा कि बिगत बर्षों से लेकर आज तक किसी भी क्षेत्रीय विधायक, सांसद आदि ने जनपद पंचायत के कार्यों में हस्तक्षेप नहीं किया है ।