दबंग रिपोर्ट कोलारस-
कहने को तो कोलारस तहसील कार्यालय का भवन नव निर्मित होकर सभी सुविधाओं से परिपूर्ण है लेकिन अधिकारी की अंदेखी एवं लापरवाही के चलते यहां असुविधाओं का जन्म लेना लाजमी है जिन पर ध्यान देने वाला कोई नहीं है। हालांकि कहने को तो यह असुविधा वहुत छोटी सी है लेकिन सही मायनों में देखा जाये तो यह अतिआवश्यक्त है लेकिन इस ओर अधिकारीयों का ध्यान न देना भी एक वड़ी लापरवाही है। मामला कोलारस तहसील कार्यालय का है जहां कार्यालय में एक महिला अधिकारी सहित अन्य दो महिला कर्मचारी पदस्थ हैं और इसके अलावा वर्तमान में कार्यालय में अटैच दो महिला पटवारी हैं और यही नहीं बल्कि कोलारस तहसील में पदस्थ पटवारीयों में महिलाऐं भी शामिल हैं इसी के साथ ही आये दिन कार्यालय में ग्रामीण महिलाओं का आवागमन भी होता है लेकिन वावजूद इस सब के तहसील कार्यालय में महिला प्रसाधन की कोई सुविधा नहीं है ऐसे में यहां पदस्थ महिला कर्मचारी तथा अन्य महिलाओं को कितनी असुविधा का सामना करना पड़ता है इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। यह एक अतिआवश्यक व्यवस्था है जिसको लेकर अधिकारी का लापरवाह रवैया मानवता को शर्मशार करता नजर आ रहा है। जबकि यहां पदस्थ नायव तहसीलदार खुद एक महिला हैं लेकिन उनका भी इस ओर कोई ध्यान न देना समझ से परे है। तहसील कार्यालय में व्याप्त इस असुविधा के विषय में जब महिला कर्मचारीयों से हमारे संवाददाता ने चर्चा की तो उन्होंने बताया कि जब से हम यहां आये हैं तभी से इस समस्या से जूझ रहे हैं जिसे लेकर कई वार हमने अधिकारीयों को सूचित भी किया है लेकिन आश्वासन मात्र ही दिये गये हैं आज तक इस समस्या पर अधिकारीयों द्वारा कोई घ्यान नहीं दिया गया है जबकि इस समय कोरोना काल के दौर में सुरक्षा की दृष्टि से वार वार हाथ धोने तक की व्यवस्था तहसील कार्यालय में नहीं है फिर शौचालय तो वहुत दूर की वात है।
सुविधा तो है लेकिन व्यवस्था नहीं-
जैसा कि हमने आपको पहले ही बताया है कि उक्त तहसील कार्यालय नव निर्मित भवन होकर सभी सुविधाओं से परिपूर्ण है लेकिन यहां सुविधा और व्यवस्था के बीच काफी अंतर है। वतौर सुविधा तो तहसील कार्यालय में शौचालय का निमार्ण कराया गया है लेकिन केवल निर्माण कराया जाना ही काफी नहीं है यहां शौचालय में न तो पानी की कोई व्यवस्था है और न ही साफ-सफाई का कोई इंतजाम जिसके चलते इस सुविधा को भी अव्यवस्था का नाम दिया गया है। और फिर ऐसे में महिलाओं के लिये यह सुविधा कितनी आवश्यक है इसे बताया जाना आवश्यक नहीं है। लेकिन फिर भी यहां महिला कर्मचारीयों को इस समस्या से आये दिन जूझना पड़ता है जो कि मानवता पर भी एक प्रश्न चिन्ह लगाता है।