दबंग रिपोर्ट शिवपुरी- उत्कर्ष बैरागी (दबंग)
विगत दिनों गुना से होकर पूरे मध्य प्रदेश में चर्चित हुऐ गुना काण्ड ने प्रशासन को किस हद तक भयभीत कर दिया है इसका खासा असर वर्तमान में देखा जा सकता है कि किस प्रकार राजस्व सहित वन विभाग की शासकीय भूमियों पर भूमाफियाओं द्वारा किये गये कब्जों के विरूद्ध लंवित प्रकरणों में कार्यवाही करने में अब प्रशासनिक अधिकारीयों सहित पुलिस महकमे के हाथ-पांव फूल रहे हैं। नतीजन उक्त प्रकरणों में औपचारिक कार्यवाहीयों को अंजाम देकर प्रशासन महज खाना-पूर्ति करता नजर आ रहा है। हालांकि यह हालात किसी एक जगह नहीं वल्कि पूरे प्रदेश में ही हैं लेकिन इसका सर्वाधिक असर शिवपुरी जिले में देखा जा रहा है जहां भूमाफियाओं के विरूद्ध प्रचलित प्रकरणों में निर्णायक कार्यवाही के नाम पर महज खाना-पूर्ति की जा रही है और तो और यह आलम किसी एक प्रकरण का नहीं है लगभग सभी प्रकरणांेें में हालात यही हैं।
गैर अध्यतन राजनीतिक दखल का प्रतिफल-
समूचे मध्यप्रदेश में चर्चा का विषय वना गुना काण्ड जिसमें नगर पालिका का अतिक्रमण विरोधी दस्ता तथा पुलिस की संयुक्त टीम ने भूमाफिया को शासकीय भूमि से वेदखल करने के लिये वल प्रयोग किया था लेकिन इससे पूर्व कई बार उक्त कब्जाधारी को नोटिस आदि की कार्यवाही भी प्रशासन द्वारा की गई थी लेकिन बावजूद इसके भी स्वयं अतिक्रमण न हटाने के बाद प्रशासन द्वारा कार्यवाही की गई जिसमें उक्त भूमि पर खड़ी फसल पर सरकारी वुल्डोजर चलाते हूऐ कार्यवाही में दखल देने वालों पर वल प्रयोग किया गया था जिसके बाद उक्त कब्जाधारी सहित उसकी पत्नी ने कीटनाशक का सेवन कर आत्महत्या का प्रयास किया ।
उक्त कार्यवाही के कुछ फुटेज,बीडियो शोसल मीडिया में वायरल होते ही अपनी राजनीति चमकाने वाले नेताओं ने विना कोई अध्यन किये शोसल मीडिया पर मुहिम छेड़ सरकार को आड़े हाथ लेना शुरू कर दिया जिसके बाद शोसल मीडिया पर सक्रिय अशिक्षितों की फौज उक्त मामले को लेकर सरकार पर टूट पड़ी और फिर शेष रही कसर टीआरपी टटोलने वाले मीडिया चैनलों ने पूरी कर दी। फिर क्या था उपचुनाव के मुहाने पर खड़ी सरकार पर दबाव बनना शुरू हो गया और आनन-फानन में मुख्यमंत्री को देर रात गुना के तत्कालीन एसपी और कलैक्टर को हटाने के आदेश जारी हो गये इसके अलावा उच्च स्तरीय जांच भी बैठा दी गई। लेकिन इस पूरे घटनाक्रम के बाद कब्जाधारीयों और भूमाफियाओं को कितना बल मिला कि इसके बाद ऐसा ही एक मामला देवास जिले से भी सामने आया जिसमें प्रशासनिक कार्यवाही का विरोध करते हुऐ एक महिला ने अग्नि स्नान करने का प्रयास किया।कुल मिलाकर उक्त गुना काण्ड में गैर अध्यतन राजनीतिक दखल ने आज पूरे प्रदेश में जहां प्रशासन को पंगू बना दिया है तो वहीं भूमाफियाओं के हौसले भी बुलंद कर दिये हैं। जो कि आगामी समय में सरकारों और प्रशासन के लिये जटिल समस्या बनकर उभर सकती है। इसके अलावा अब यह घटनाक्रम चलन बनता नजर आ रहा है जहां देखने में आया है कि अतिक्रमण विरोधी कार्यवाहीयों में अधिकतर भूमाफियाओं द्वारा महिलाओं को आगे कर उक्त घटनाक्रमों को दोहराने के प्रयास किये जा रहे हैं। जिनके चलते प्रशासनिक अधिकारीयों के हाथ-पैर फूलते स्पष्ठ नजर आ रहे हैं।
कुल मिलाकर बीते घटनाक्रमों ने प्रशासन को पंगू बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है जिसका असर आगामी समय में जब देखने को मिलेगा तब लगभग हर शासकीय भूमि पर काबिज काब्जाधारी और भूमाफिया प्रशासन पर हावी होते नजर आयेंगे।