
शहर के रसूलिया डबल फाटक के पास मंगलवार रात युवक अंकित यादव की सूचना पर कंटेनर में 63 मवेशी भरे मिले। इसमें से 22 मवेशियों की माैत दम घुटने और भूखे-प्यासे रहने से हाे गई। बचे हुए 41 मवेशियों काे गाेशाला भेज दिया गया। जिस कंटेनर में गाेवंश भरे हुए थे, उसमें अलग-अलग रजिस्ट्रेशन नंबर डले हुए हैं। आगे यूपी 21 बीएन 8386 नंबर लिखा है। जबकि पीछे एचआर 50 बी 2959 नंबर लिखा हुआ है। कंटेनर के दाेनाें ओर एकता ट्रांसपोर्ट कंपनी लिखा है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
अभी तक ड्रायवर और क्लीनर गिरफ्त में नहीं आए हैं। कंटेनर से निकले 63 में से मरे हुए 22 मवेशियों का पीएम पशु चिकित्सालय विभाग के डाॅ. शैलेंद्र नेमा और डाॅ. ब्रजेश नेवारिया ने किया। सिविल सर्जन डाॅ. एसके सिंघई ने बताया कि कंटेनर में बांधकर मवेशियों काे ठूंसने के कारण उनका दम घुटा है। मवेशी कई दिनाें से भूखे व प्यासे थे। आवाज न करें इसलिए मुंह और पैर बांधने के कारण दम-घुटने से इन पशुओं की माैत हुई है।
मुरादाबाद के मनेथर का है कंटेनर
कंटेनर में मिले कागजों में कंटेनर का सही रजिस्ट्रेशन नंबर यूपी 31 बीएन 8386 लिखा है। उसके मालिक का नाम दिलशाद है। कागजों में उसका पता विलेज मकान नंबर 18 पाेस्ट मनेथर तहसील बिलारी मुरादाबाद उत्तर प्रदेश है।
कंटेनर की छत पर थे छेद
कंटेनर में मवेशियों काे ले जाने के लिए नीचे बारीक गिट्टी डाली थी। दाेनाें ओर थर्माकोल व प्लाईवुड लगी हुई थी। क्लीनर के पास अंदर कंटेनर में देखने के लिए एक खिड़की भी बनी हुई थी। अंदर हवा जाने के लिए कंटेनर की छत पर कुछ छाेटे-छाेटे छेद थे।
इन धाराओं दर्ज किया केस
देहात थाना टीआई हेमंत श्रीवास्तव ने नितिन मेषकर की शिकायत पर कंटेनर चालक व क्लीनर पर मप्र गाेवंशी वध प्रतिषेध अधिनियम 2004 की धारा 4, 6,9 और पशुओं के प्रति क्रूरता निवारण अधिनियम 1960 धारा 11 के तहत केस दर्ज किया है।
कंटेनर के अंदर कुछ गिरने की आवाज सुनी, चढ़कर देखा तोे अंदर मवेशी भरे थे
कंटेनर में गाेवंश हाेने का सबसे पहले रसूलिया राम नगर निवासी अंकित यादव काे पता चला। अंकित की डबल फाटक पर पान की गुमठी है। उसने बताया कि मंगलवार शाम 5 बजे कंटेनर मारुति हनुमान मंदिर के सामने खराब हाे गया था। जाे बीच रास्ते में था, इसलिए क्लीनर ओर ड्राइवर ने ब्रिज का काम कर रही कंपनी की जेसीबी से कंटेनर काे निजी अस्पताल के गेट के पास पार्क करवाया। इसके बाद वह सुधारते रहे।
अंकित यादव जब रात 8.30 बजे वहां पर पहुंचा ताे दाेनाें इंजन में कुछ काम कर रहे थे। फिर डीजल लेकर आए और अंकित की मदद मांगी। अंकित काे उस समय ट्रक में से कुछ गिरने की आवाज आई, उसने पूछा ताे क्लीनर और चालक दाेनाें ने कुछ जबाव नहीं दिया। इसके बाद अंकित ने ट्रक के चाराें ओर घूमकर देखा ताे गाै मूत्र की बदबू आई, ताे अंकित ने कंटेनर पर चढ़कर देखा ताे मवेशी भरे हुए थे।
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