दबंग रिपोर्ट-खरी खरी -
आज बर्तमान में यह आलम प्रदेश के कोने कोने में देखा जा सकता है जहां जिम्मेदार अपनी असल भूमिका से किनारा कर ख़्वावीदा किरदार निभाते नजर आ रहे हैं जी हाँ अगर हम बात करें शिवपुरी जिले की तो यहाँ मूलभूत सुविधाओं के नाम पर आवाम से छलावा मात्र हो रहा है ,जहां न तो शिक्षा व्यबस्था बेहतर है और न ही स्वास्थ्य व्यबस्था? और ये दोनों ही अति महत्वपूर्ण मूलभूत सुविधाएं हैं जिनका होना अति आवश्यक है लेकिन बदनसीबी कि आज आवाम को मुख्यतः इन्ही समस्याओं से जूझना पड़ रहा है ,और बहीं दूसरी ओर आवाम की इसी समस्या के हल के लिए मासिक मोटी रकम तथा बंगला, गाड़ी जैसी सुविधाएं प्राप्त कर रहे सेबक अपनी जिम्मेदारी से किनारा कर ख़्वाबीदा किरदार अदा कर रहे हैं जिन पर शासन की कोई लगाम नहीं ?
आज जिला मुख्यालय सहित अंचलों में संचालित शासकीय प्राथमिक,माध्यमिक,हाई स्कूल यहां तक की शासन के उत्कृष्ट, मॉडल तथा महाविद्यालयों में भी शिक्षा का क्या स्तर है यह किसी से छुपा नहीं है साथ ही श्रेष्ठ होने का दावा करने वाले जिला अस्पताल से लेकर अंचलों तक के अस्पतालों की क्या हालत है यह भी जग जाहिर है लेकिन जिम्मेदार सेबक केबल शासकों की भांति आदेश,निर्देश देने का कार्य ही करते देखे जाते हैं बह भी सिर्फ औपचारिकता मात्र ।
और किसी भी मामले को अनदेखा कर अपने बयान में यह कहने वाला "कि यह मामला आपके द्वारा संज्ञान में लाया गया है हम जांच करवाते हैं " जिम्मेदार लेखक की नजर में सबसे बड़ा बहरूपिया है जो आवाम को सिर्फ और सिर्फ ठगने का कार्य कर रहा है ।
अभी भी बक्त है जिम्मेदारो जाग जाओ और अपनी जिम्मेदारी निभाओ ,हालात यही रहे तो बह दिन दूर नहीं जब अवाम अपने हकों को आपसे मांगने की बजाए छीनने पर उतारू हो जाय ।
उस बक्त हालात क्या होंगे इसकी कल्पना मात्र ही आपके सोये हुए जमीर को जगाने में सहायक सिद्ध होगी ।