दबंग रिपोर्ट शिवपुरी-
आज भले ही सरकारें अपने बिज्ञापनों तथा अन्य प्रचार-प्रसार के माध्यमों द्वारा चहुँ मुखी बिकास के बड़े बड़े दाबे कर रही हों लेकिन हकीकत से किस प्रकार मुंह छुपाया जा सकता है । आज भले ही शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं की संख्या पहले से कई अधिक है साथ ही इनपर खर्च होने वाली राशि भी सरकारी खजाने का एक बहुत बड़ा हिस्सा है परंतु बाबजूद इस सब के आज भी कई क्षेत्र ऐसे हैं जहां शासन की जनकल्याणकारी योजनाएं और चहुँ मुखी विकास के दावे खोखले नजर आते हैं ,जी हाँ-
मध्यप्रदेश के शिवपुरी जिले की कोलारस जनपद पंचायत की ग्राम पंचायत अटरुनी अंतर्गत आने वाला ऐसा ही एक ग्राम है "खरई" बर्तमान में यहां से खड़े होकर देखने पर सरकारों के सभी दाबे सिर्फ और सिर्फ खोखले ही नजर आते हैं ,जिसका बड़ा कारण भ्रष्टतंत्र है जो कि आज शासन की मंशा पर पूर्णतः हावी है!
कहने को तो इस गांव में भी लाखों की राशि ठिकाने लगा बिकास की कागजी इबारत सरपंच-सचिव द्वारा बखूबी ढंग से लिखी गई है लेकिन अफसोस कि धरातल पर निरीक्षण करने वाली नोकरशाही की भ्रष्ट नीतियों के चलते आज शासन की सभी जनकल्याणकारी योजनाओं और ग्राम विकास के दावे लाखों खर्च होने के उपरांत भी खोखले ही नजर आ रहे हैं ।
राशि आहरित करने के उपरांत भी नहीं बन सकी सीसी सड़क-
इस ग्राम में शासन द्वारा आज से लगभग दो बर्ष पूर्व दो सीसी सड़क के निर्माण हेतु स्वीकृति ग्राम पंचायत को प्रदान कर पर्याप्त राशि दी गई थी जो कि उसी समय सरपंच, सचिव द्वारा आहरण भी कर ली गयी है और रिकॉर्ड में कार्य पूर्ण होने की पुष्टि भी ग्राम पंचायत द्वारा की गई है लेकिन मौके पर जाकर देखने पर पता चला कि वहां आज भी बही पुराना कच्चा रास्ता मौजूद है जो कि बारिश के मौसम में दल-दल में तब्दील हो जाता है । लेकिन यहाँ सबसे बड़ा सबाल तो यह आता है कि इन शासकीय कार्यों के निरीक्षण, तथा मूल्यांकन के लिए जिम्मेदार नोकरशाही इस बीच क्या कर रही थी जब लाखों के सरकारी बजट को ठिकाने लगा रिकॉर्ड में विकास की झूठी स्याही बिखेरी जा रही थी ,इस मामले में सरपंच ,सचिव से ज्यादा बड़े दोषी जनपद पंचायत के कर्मचारी हैं जो कमीशन के फेर में शासन की मंशा पर पानी फेरने का कार्य कर रहे हैं।
इसे अलावा एक हैंडपंप जिसमें एक फेस की सबमर्सिबल मोटर डाले जाने के नाम पर राशि का आहरण किया गया है लेकिन आज दिनांक तक इस हैंडपंप में कोई मोटर नहीं डाली गई है बर्तमान में यह हैंडपंप बंद पड़ा हुआ है ।
ऐसे ही अन्य भी कई कार्य है जिनके नाम पर राशि का आहरण तो हुआ है लेकिन काम आज तक नहीं हो सका ।
कुल मिलाकर धरातल पर बिकास से कोसों दूर इस ग्राम सहित पूरी पंचायत में लगभग एक करोड़ रुपये से अधिक राशि का घोटाला होने की आशंका है शासन द्वारा उक्त ग्राम पंचायत अटरुनी में अगर निष्पक्ष जांच कराई जाए तो यह घोटाला उजागर हो सकता है।