कोलारस अनुविभाग में सिंध का सीना छलनी कर किया जा रहा रेत का अबैध उत्खनन जहां एक ओर प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती साबित हो रहा है तो बहीं दूसरी ओर कुछ महकमों के लिए यह सोने की खान भी साबित हो रहा है ।कोलारस अनुविभाग में सिंध का सीना छलनी करने का यह गोरख धंधा बिगत दशकों से चला आ रहा है लेकिन आज दिनांक तक जिम्मेदार केबल इसके विपरीत शख्त निर्देश ही जारी कर सके हैं बांकी शख्त कार्यवाही के दर्शन तो दुर्लभ ही हैं ।लेकिन कोलारस अनुविभाग में पदस्थ ऊर्जावान,ईमानदार IAS अधिकारी से इस बिषय को लेकर काफी उम्मीदें आवाम को थीं और इस अधिकारी की कार्यशैली ने अल्प समय में ही जाहिर भी कर दिया था कि जो अब तक न हो सका बो अब होना संभव है ,और फिर अबैध उत्खनन को लेकर उक्त अधिकारी ने हुंकार भी भर ली थी लेकिन बिडम्बना कि यह हुंकार केबल अंगड़ाई मात्र ही रह गयी । यहां गौरतलब होगा कि आवाम के दिलों में इस IAS के प्रति जो सम्मानीय तस्वीर बनकर तैयार हो रही थी बह उस बक्त धूमिल सी हो गयी जब अंचल में अबैध उत्खनन के खिलाफ अभी तक की सबसे बड़ी कार्यवाही के चर्चे अखबारों की सुर्खियां बने थे, और उसी समय से मानो कि आवाम के दिलों में बनी यह सम्मानित तस्वीर पर धूल सी चढ़ने लगी थी फिर क्या था समय बीतने के साथ ही आज बह बर्तमान तस्वीर पूर्णतः धूमिल हो चुकी है । आज आलम यह है कि अनुविभाग में लगभग 2 दर्जन से अधिक स्थानों पर रेत के अबैध भंडारण माफियाओं द्वारा किए गए हैं और जिम्मेदार महकमों की नाक के नीचे से आये दिन जमकर खुलेआम परिबहन किया जा रहा है लेकिन मजाल है कि दशकों से बदस्तूर जारी इस धंधे पर कोई उंगली तक उठा सके , यही नहीं बल्कि बर्तमान में उम्मीदों की किरण जगाने वाले इस IAS अधिकारी पर भी अब अनुविभाग के रेत माफिया भारी पड़ते नजर आ रहे हैं जिसका अंदाज इस बात से स्पष्ट लगाया जा सकता है कि अंचल के लुकवासा चौकी क्षेत्र में रेत के अबैध भण्डारण के संबंध में एक स्थानीय व्यक्ति द्वारा दो बार अधिकारी के समक्ष में लिखित आबेदन देकर कार्यवाही की मांग की जा चुकी है साथ ही आवेदक द्वारा दिये गए लिखित आवेदन में रेत माफिया तथा अबैध रेत के भंडारण का स्थान भी दर्ज किया गया था लेकिन मामला साफ होने के उपरांत भी आज लगभग ४ सप्ताह गुुजर गए और कोलारस प्रशासन उक्त संबंध में कोई कार्यवाही तो दूर कार्यवाही की रूपरेखा तक नहीं बना सका है यहां बताना लाजमी होगा कि इस संबंध में दूसरी बार आवेदन करने के उपरांत आवेदक द्वारा दबंग न्यूज़ से चर्चा में उल्लेख किया गया था कि इस बिषय को लेकर मेरे द्वारा अनुबिभागीय अधिकारी को समक्ष में दिया गया यह दूसरा आवेदन है लेकिन आज दिनांक तक जिम्मेदार महोदय द्वारा मामले में कोई कार्यवाही नहीं कि गयी है जिस पर हमारे द्वारा जब अनुबिभागीय अधिकारी से प्रतिक्रिया ली गयी तो उनका कहना था कि मेरे द्वारा माइनिंग को पत्र लिखकर मामले से अबगत कराया गया है और में खुद माइनिंग अधिकारी से मिलकर इस बिषय पर चर्चा करूँगा और शीघ्र कार्यवाही की जाएगी, उक्त अधिकारी के इस बयान को हमारे द्वारा समाचार में प्रकाशित भी किया था जिसके उपरांत आज लगभग ४ हफ्ते से ज्यादा समय बीत जाने के बाद भी उक्त मामले में कार्यवाही की कोई किरण तक दिखाई नहीं दे रही है । जिसे देखते हुए प्रसंगवस यहां लिखा गया है कि ईमानदार IAS पर भारी रेत माफिया,नहीं जुटा पा रहे कार्यवाही की हिम्मत?