Shivpuri News-विकास की जगह विनाश की ओर अग्रसर शिवपुरी, जिम्मेदारों की मौन सहमति

दबंग की कलम से-
भगवान शिव की पावन भूमि शिवपुरी को विकसित करने का प्रयास जहां राजनेताओं द्वारा काफी समय से किया जा रहा है तो वहीं दूसरी ओर जिम्मेदारों द्वारा नशा कारोबार पर मौन सहमति जता शहर को विनाश की ओर अग्रसर करने में भी कोई कोर कसर नहीं छोड़ी जा रही है। विगत वर्षों से शहर में हो रहा (स्मैक,गांजा,चरस आदि) नशा कारोबार आज युवा पीढ़ी के लिये नासूर बनता जा रहा है लेकिन वेहद चिंतनीय विषय, यह कि सरकारों में उच्च स्तरीय पकड़ रखने बाले राजनेता और अपने लंबे हाथों के लिये जाना जाने बाला पुलिस महकमा शहर की हवा में नशा घोलने बाले माफियाओं के आगे बौना साबित हो रहा है। यहां बताना लाजमी होगा कि शहर में विगत वर्षों से नशा कारोबार खूब फलफूल रहा है जिसके विरोध में शहर के समाजसेवी संगठनों सहित मीडिया ने कई बार आबाज उठाने का प्रयास भी बखूबी किया है लेकिन जिम्मेदारांे की उदासीनता और भृष्ट रवैये के चलते नशा विरोधी यह मुहिम अस्तित्व में नहीं आ सकी, और शिवपुरी इस नशे की लत में डूबता चला गया, आज शहर में नशा करने बाले और नशा बेचने बालों की तादात इतनी बढ़ गई है कि शहर की गली-गली में हमंें नशा आसानी से देखने को मिल जाता है जिसका जीवंत उदाहरण भी आये दिन छाया चित्रों के माध्यम से शोसल मीडिया पर शहर का नाम रोशन कर रहा है। इतना ही नहीं बल्कि अब तो इस नशे ने शहर में कोहराम तक मचा दिया है, विद्यार्थी जीवन को अपराधी जीवन तक दे दिया है और तो ओर अब शहर के गौरव को निगलना भी इस नशे ने शुरू कर दिया है लेकिन इस सब के बावजूद भी आज शहर के विकास के लिये अपना जीवन समर्पित करने बाले राजनेता और विकास में सहियेगी जिला प्रशासन इस विनाश को भी तमाशबीन बनकर देख रहा है। जिसे देखकर यहां कहा गया है कि विकास की जगह विनाश की ओर अग्रसर शिवपुरी?
शहर में मौजूद हैं बड़े-बड़े सियासतदार-
यूं तो हमारा शिवपुरी प्रदेश में अपनी एक अलग पहचान रखता है यहां मौजूद बड़े-बड़े सियासतदार शहर की शान कहे जाते हैं जिनमें बो दम है कि रातों रात कुछ भी संभब है लेकिन फिर भी विनाश का पर्याय बने इस नशा कारोबार पर इनकी मौन सहमति का कारण भी वेहद अजीबो-गरीब मालूम पड़ता है, कहने को तो शिवपुरी शहर में हुई छोटी सी हलचल भी चंद मिनिटों में राजधानी पहंुच जाती है लेकिन शहर में ब्याप्त नशा कारोबार अभी तक किसी की निगाहों में ही नहीं आया यह कैसे संभव है।या फिर स्पष्ठ शब्दों में कहा जाये कि नशा रूपी इस विनाश के काले छीटे कहीं न कहीं इन सियासतदारों की पोशाक पर भी लगे हुऐ हैं।
कैसे छोटे हो गये कानून के लबें हाथ-
कहा जाता है कि कानून के हाथ बहुत लंबे होते हैं पुलिस चाहे तो अपराध तो दूर शहर में कहीं से एक चप्पल तक चोरी न हो सके, लेकिन ऐ सभी श्लोगन शिवपुरी शहर के लिये आज केबल फिल्मी डायलाॅग साबित हो रहे हैं शहर सहित सम्पूर्ण जिले में आये दिन आपराध हो रहे हैं, नशा कारोबार तो जिले में अपनी एक अमिट पहचान बनाता साबित हो रहा है, जिसके दाग तो अब खाकी पर भी लगना शुरू हो गया है फिर अब किस से क्या उम्मीद करें शहरबासी?

कुल मिलाकर आज शिवपुरी शहर सहित जिले की जो तस्बीर है बह आगामी समय के लिये काफी भयाभय होती स्पष्ठ नजर आ रही है आज आप और हम और हमारी आने बाली पीढ़ी सुरक्षित नहीं है और यही हाल रहा तो भविष्य क्या होगा इसकी कल्पना सहज ही की जा सकती है। शहर को विनाश की ओर ले जाने बाले इस नशा कारोबार में आज शहर ही नहीं बल्कि सम्पूर्ण जिले की नामी हस्तियां शामिल हैं जो कि चंद पैसों की चकाकौंध में अपना बर्तमान सुखमय बनाने के लिये अपने ही समाज को इस नशा रूपी जहर देने का काम रहीं हैं, संपादक उन सभी से यह अपील करता है कि इस जहर को समाज में फैलाने की बजाय इसे जड़ से खत्म करने में सहियोगी बनें चंद पैसों के लालच में जो जहर परोसने का कार्य शहर में किया जा रहा है हो सकता है कल उसी जहर का शिकार आपके प्रिय भी हों!
और विषेश अपील करता है उन जिम्मेदारों से जो खाकी पहने इस तमाशे को देख रहे हैं कि सभी बंदिसों को तोड़कर शहर को नशा मुक्त करने के लिये अग्रसर हों ।
Dabang News

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