Kolaras News-कोलारस स्वास्थ्य केन्द्र में ब्यवस्थाऐं चाक-चैबंद, क्या है फिर मरीजों की परेशानी की बजह

दबंग रिपोर्ट कोलारस-
कोलारस सामु. स्वास्थ्य केन्द्र में विगत दिवस ब्यवस्थाऐं ऐसी दिखाई दीं जिन्हें देखकर कहा जा सकता है कि बाकई में कोलारस स्वाथ्य विभाग के जिम्मेदार पूरी निष्ठा के साथ अपने दायत्व का निर्वहन कर रहे हैं लेकिन यह नजारा और जिम्मेदारों की निष्ठा क्या केबल एक ही दिन की थी यह समझ से परे है, जबकि स्वास्थ्य केन्द्र की बास्तविकता से आज कोलारस नगर ही नहीं अपितु सम्पूर्ण विधानसभा परिचित है फिर एक दिन ऐसा क्या था कि पूरी तस्बीर ही बदल दी गई और वर्षों से अब्यवस्थाओं पर आंसू बहा रहा कोलारस स्वास्थ्य केन्द्र चंद घण्टों में ही सर्व सुविधायुक्त स्वास्थ्य केन्द्र के रूप में उभरकर आ गया ।
मामला इस प्रकार है कि कोलारस स्वास्थ्य केन्द्र में पदस्थ जिम्मेदारों की लापरबाही के चलते स्वास्थ्य केन्द्र की खस्ता हालत बनी हुई है जिसका खमियाजा मरीजों को भुगतना पड़ रहा है यहां पदस्थ डाॅक्टर स्वास्थ्य केन्द्र में कम अपने आबासों पर उपचार करने पर अधिक ध्यान दे रहे हैं फलस्वरूप सेवा शुल्क का लालच इन्हें कर्तव्य विमुख बना रहा है। दूसरा स्वास्थ्य केन्द्र बीएमओ मुख्यालय छोड़ जिले पर निवासरत हैं जिसके चलते कर्मचारीयों पर कोई लगाम नहीं होने से अब्यवस्थाओं का जन्म लेना भी स्भाविक है साथ ही नियमित साफ-सफाई से लेकर अन्य भी कई नियमित ब्यवस्थाओं के नाम पर यहां कुछ नहीं है।गौरतलब होगा कि विगत वर्षों से कोलारस स्वास्थ्य केन्द्र मरीजों के लिये रैफर टू शिवपुरी का सिस्टम काफी प्रचलन में है जबकि जिन कारणों से यहां इस सिस्टम को अपनाया जाता है बह कोई खास कारण नहीं है लेकिन जिम्मेदारों की कर्तब्य विमुखता के कारण इस सिस्टम को चलन में लाया गया है। दूसरा सबसे बड़ा कारण यहां दबाईयों का न होना भी बताया जाता है जिसके चलते मरीजों को बाहर से दबाईयां खरीदनी पड़ती हैं साथ ही ओपीडी का खुलने और बंद का कोई समय न होना, डयूटी पर चिकित्सक का न मिलना, स्टाफ द्वारा मरीजों की देखरेख न होना इतना ही नहीं बल्कि मरीजों से अभद्र ब्यवहार आदि की शिकायते भी यहां आम हैं।
लेकिन विगत वर्षों से इन सभी अब्यवस्थाओं से जूझ रहा कोलारस स्वास्थ्य केन्द्र कल अचानक से सर्व सुविधायुक्त स्वास्थ्य केन्द्र के रूप में उभर कर धरातल आया, जिसका कारण जिम्मेदारों की कर्तब्य निष्ठा नहीं बल्कि स्वास्थ्य केन्द्र में कल होने बाला निरीक्षण था जिसके लिये राज्य स्तरीय टीम का आगमन होना था तो जाहिर सी बात है कि अपनी नाकामी और लापरवाहीयों को छुपाने की कबायद में उलझा स्थानीय स्वास्थ्य महकमा उस तस्बीर को शक्ल देने में जुट गया जो कल स्वास्थ्य केन्द्र में निरीक्षण दल और मौके पर मौजूद पत्रकारों ने देखी, जबकि बास्तविका क्या है इससे सभी भलि-भांति परिचित हैं शायद निरीक्षण दल भी !
लेकिन कहतें हैं कि भृष्चार का रंग सरकारी तन्त्र पर इस तरह हावी है कि यहां जो होता है वह दिखता नहीं जो दिखता है बह होता नहीं, यहाॅ बही देखा जाता जो इन्हें दिखाया जाता है और ठीक बैसा ही दृश्य कल कोलारस स्वास्थ्य केन्द्र में देखने को मिला।
राज्य स्तरीय टीम ने यह किया निरीक्षण-
सामुदायिक स्वास्थ केंद्र कोलारस का गुरुवार को राज्य स्तरीय टीम के सदस्य संयुक्त संचालक नेशनल हेल्थ मिशन के राजेश कठहल द्वारा निरीक्षण किया गया। जिसमे जाँच अधिकारी ने मलेरिया एवं टीवी विभाग के कर्मचारियों पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि आप लोग जिम्मेदारी से अपने कर्तव्य का निर्वहन करें। एवं समय पर क्षेत्रों में फैलने वाले वायरस एवं मच्छरों की रोकथाम के कार्यक्रम नियमित होते रहने चाहिए। साथ ही डेंगू की जांच के लिए सी बी सी की जांच एवं रिपोर्ट की व्यवस्था अनिवार्य रूप से हॉस्पिटल में ही कि जाए, एवं अस्पताल की साफ सफाई के सख्त निर्देश दिए ।उन्होंने डॉक्टरों से वन टू वन चर्चा करते हुए नगर मे फैल रही बीमारियों की चर्चा की एवं बचाव के निर्देश दिए इस अवसर पर मौजूद पत्रकारो द्वारा खरई प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मे रिक्त पड़ी चिकित्सक की नियुक्ति को लेकर एवं कोलारस सामुदायिक स्वास्थ केंद्र कोलारस मे स्त्री रोग विशेषज्ञ महिला चिकित्सक की नियुक्ति की मांग रखी ,जिसका अस्वासन देते हुए संयुक्त संचालक ने बहुत शीघ्र ही समस्या का हल करने की बात कही।

निरीक्षण से पहले भर्ती मरीजों को भगाया-
 
कोलारस सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के निरीक्षण में कमियों को छुपाने के लिए अस्पताल के जिम्मेदारों ने सुबह से ही चाक चैबंद व्यवस्थाएं जमा रखीं थी। कोलारस स्वास्थ्य केंद्र में प्रतिदिन 15 से 20 मरीज भर्ती रहते हैं। मगर आज सारे भर्ती मरीजों को 1 बजे से पहले ही छुट्टी कर दी गई। इसके पीछे जो कारण सामने आया है उसके अनुसार डॉक्टरों द्वारा मरीजों को बाहर की दवाइयों के पर्चे लिखे जाने की पोल न खुल जाना बताया गया है। चूंकि निरीक्षण के दौरान अस्पताल में 106 प्रकार की दवाइयां स्टॉक में उपलब्ध होने की बात कही गयी ।ऐसे में मरीजों को बाहर से दवाइयां लाने की पोल खुल सकती थी। इसलिए आज निरीक्षण के समय एक भी मरीज भर्ती नही मिला जबकि ओपीडी रिकॉर्ड के अनुसार प्रतिदिन 200 से ऊपर मरीज स्वास्थ्य जांच के लिए आ रहे हैं।

डाक्टर ड्यूटी कक्ष के दिये निर्देश-

जांच दल के प्राभारी राजेश कठल ने बीएमओ अलका त्रिवेदी को निर्देशित किया कि स्टाफ नर्स रूम की तरह ही आगे से डॉक्टरों के लिए डयूटी कक्ष की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। जिससे जरूरत पड़ने पर मरीज को डॉक्टर अस्पताल में मिले एवं उनका नाम और नम्बर भी कक्ष में लिखा जाए। 
एनएससी की वार्डन गीता चैहान को 4 माह से वेतन नही मिला है।इसके लिए भी उन्होंने सीएमएचओ अर्जुनलाल शर्मा एवं बीएमओ अलका त्रिवेदी को डांट लगाई।

कुल मिलाकर यहाॅ स्पष्ठ रूप से यह कहना कोई बड़ी बात नहीं होगी कि विगत दिवस गुरूवार को सामु.स्वास्थ्य में हुआ निरीक्षण औपचारिता मात्र ही था।बास्तविकता से इसका कोई सरोकार नहीं था।
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