Kolaras News-निजी स्कूलों में छात्र मैपिंग गड़बड़झाला, जिम्मेदारों की मौन स्वीकृति

दबंग रिपोर्ट कोलारस-
प्रदेश सरकार द्वारा सर्व शिक्षा अभियान को सफल बनाने तथा विद्यार्थीयों की बास्तविक माॅनीटरिंग होन के चलते समग्र शिक्षा पोर्टल के माध्यम से छात्रों की मैपिंग का कार्य प्रारम्भ किया था जिसका उद्धेश्य स्कूलों में छात्र संख्या तथा शासन से मिलने बाला लाभ हर उस छात्र को मिल सके जो पात्रता रखता है साथ ही दौहरा लाभ लेने बालों पर रोक लगाई जा सके । लेकिन बदनसीबी कि शासन की इस मंशा पर पानी फेरने का कार्य शासन के ही वे नुमाइंदे कर रहे हैं जिन्हें इस मिशन की जिम्मेदारी दी गई है ।जानकरारी के अनुसार कोलारस अंचल में संचालित निजी स्कूलों में शासन के मिशन को लेकर गंभीरता देखने को नहीं मिल रही है ज्यादा छात्र संख्या और मोटी कमाई के लिये निजी स्कूल संचालकों द्वारा शासन के नुमाइंदों की सरपस्ति में इस मिशन को चूना लगाने का कार्य किया जा रहा है जी हाॅ कोलारस अंचल में संचालित निजी स्कूलों में पढ़ने बाले छात्र आज भी शासकीय स्कूलों में मैप होकर शासन की योजनाओं का लाभ ले रहे हैं यहाॅ बताना लाजमी होगा कि शासकीय स्कूलों में दर्ज छात्र पढ़ाई तो निजी स्कूलों में कर रहे हैं लेकिन शासन से मिलने बाली सुविधाओं का लाभ भी ले रहे हैं इतना ही नहीं बल्कि परीक्षा में भी दोनों जगह बैठकर एक ही वर्ष में भिन्न-भिन्न कक्षाओं की अंकसुची भी प्राप्त कर रहे हैं जो कि शासन के नियमों के विरूद्ध है लेकिन कोलारस अंचल के निजी स्कूल संचालक शासन के नियमों से न चलकर स्वयं के नियमों से चल रहे हैं जिसके फलस्वरूप शासन का सर्व शिक्षा अभियान मिशन कोलारस में दम तोड़ता नजर आ रहा है ।
लेकिन हैरत की बात तो यह भी है कि इस मिशन के सफल संचालन के लिये जिम्मेदार शासन के नुमाइंदों की सरपस्ति में ही इस कार्य को अंजाम दिया जा रहा है।
निजी स्कूलों में दर्ज संख्या के कई अधिक हैं विद्यार्थी -
कोलारस अंचल के निजी स्कूलों में अगर शासन द्वारा पोर्टल पर दर्ज विद्यार्थीयों की संख्या के हिसाब से कभी भी औचक निरीक्षण कराये तो सारी स्थिति सामने आ सकती है, जहां स्कूल में दर्ज छात्रों के कई गुना अधिक छात्र स्कूल में अध्यनरत पाये जायेंगे अतना ही नहीं बल्कि इनमें भी कई छात्र ऐसे भी होंगे जिन्हें आज दिनांक तक पोर्टल पर दर्ज ही नहीं किया गया ।
छात्रबृति में भी गड़बड़झाला-
 शासन द्वारा निजी तथा शासकिय स्कूलों में अध्यनरत पात्र विद्यार्थीयों को मिलने बाली छात्रबृति में विद्यार्थी  का स्वयं का बैंक खाता या फिर पालक का खाता होना अनिवार्य है लेकिन निजी स्कूल संचालकों द्वारा अधिकांश विद्यार्थीयों की छात्रबृति आॅनलाइन के समय अपने हितैशीयों के खाता नम्बर डाल दिये जाते हैं जिसके चलते शासन द्वारा मिलने बाली छात्रबृति का लाभ विद्यार्थी को नहीं मिल पाता है।
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