Kolaras news-माफियाओं का ब्लड प्रेशर भी नहीं बड़ा पाया sp का एक्शन मूड

दबंग रिपोर्ट कोलारस -
अबैध उत्खनन को लेकर प्रदेश भर में अपनी एक अलग पहचान बनाने वाले शिवपुरी जिले में अभी बिगत दिनों ही नये पुलिस अधीक्षक राजेश सिंह ने कमान संभाली है,जो कि इससे पहले प्रदेश की राजधानी भोपाल मुख्यालय पर पदस्थ थे।सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार  यहां बताना लाजमी होगा कि एसपी राजेश सिंह की कार्यप्रणाली बेहद ही स्वक्ष और पारदर्शी रही है,आप गैर कानूनी कार्यों के शख्त खिलाफ माने जाते हैं। लेकिन साहब बर्तमान में आप जिस जिले की बागडोर अपने हाथों में लिए हैं बहां गली-गली ही अबैध कार्यों के नाम से जानी जाती हैं। जिसमें नशा,जिस्मफरोशी, और अबैध उत्खनन प्रमुख है और साहब ने आते ही इन्हीं कार्यों को लेकर बैठक ले सभी पुलिस अधिकारियों को शख्त निर्देश भी दे दिए हैं ,जिसके चलते पुलिस ने भी अब माफियाओं पर शख्ती दिखाना शुरू कर दिया है फलस्वरूप बर्तमान हालात यह हैं कि पिछले दो दिन से रेत का अबैध परिबहन तो बंद है लेकिन उत्खनन अभी भी जारी है अंतर केबल इतना है कि माफिया अब इसे हाल बेचने की जगह संग्रह कर रहे हैं ।
आज हमारी दबंग टीम के क्षेत्र भ्रमण के द्वारान देखा गया कि एसपी के शख्त निर्देशों के बाबजूद भी सिंध नदी में माफियाओं के ट्रेक्टर ट्राली रेत भरते हुए नजर आए ,जब उनसे इस बिषय पर बातचीत की गई तो सामने आया कि यह पहली बार थोड़ी हुआ है हर बार होता है ,जिले में जब भी कोई नया अधिकारी आता है तो अपनी धाक जमाने के लिए कुछ दिन शख्ती दिखाता है उसके बाद हालात जस के तस हो जाते हैं इतना ही नहीं बल्कि माफियाओं द्वारा बड़े ही सरल अंदाज में इस बात को बयां किया गया कि कुछ नहीं अभी फिलहाल स्टॉक कर रहे हैं हालात कुछ दिन में समांतर होंगे फिर परिबहन करेंगे ।
इससे साफ जाहिर होता है कि जिले के माफियाओं में एसपी के निर्देशों को लेकर कोई उथल-पुथल नहीं है माफियाओं को अब इसकी आदत सी हो गयी है। यानी कि यहां कहा जा सकता है कि जिले के नए एसपी का एक्शन मूड माफियाओं का ब्लड प्रेशर भी नहीं बड़ा पाया है ।ऐसे में अबैध उत्खनन पर प्रतिबंध  लगा पाना भी एसपी महोदय के लिए किसी बड़ी चुनोती से कम नहीं होगा ।
एक नजर-
कोलारस ब्लॉक है माफियाओं का मुख्य केंद्र-
जिले में अबैध उत्खनन के लिए कोलारस अनुविभाग को मुख्य केंद्र माना जाता है,सूत्रों की मानें तो यहां आधा सैकड़ा ट्रेक्टर रेत खनन पर लगे हुए हैं ।जो कि प्रतिदिन दो से चार चक्कर का आंकड़ा लेकर चलाये जाते हैं इससे अनुमान लगाया जा सकता है कि यहां किस पैमाने पर अबैध खनन चल रहा है।
इन क्षेत्रों में होता है रेत का स्टॉक-
कोलारस अनुविभाग के ग्राम साखनोर,पचावली, भड़ौता, अनंतपुर,लिलवारा,कुल्हाड़ी आदि ग्राम इन खनन माफियाओं के मुख्य गढ़ माने जाते हैं जहां प्रति बर्ष बड़े पैमाने पर रेत का स्टॉक किया जाता है जिससे कि पूरा पुलिस महकमा बखूबी परिचित है।
इन थानों की आये का जरिया है अबैध उत्खनन-
जिले में हो रहे अबैध उत्खनन से संधित क्षेत्र के सभी थानों और चौकियों को होने वाली मासिक आय भी इस कारोबार को बढ़ावा देने का एक मुख्य कारण मानी जाती जाती है जिसके चलते पुलिस महकमा इस कारोबार पर अपनी मौन सहमति जाहिर करता है ।लेकिन यदि हम बात करें किसी एक क्षेत्र बिशेष की तो यहां कोलारस अनुविभाग में पुलिस थाना कोलारस,बदरवास,रन्नौद,और लुकवासा पोलिस चौकी तथा तेंदुआ थाना की मुख्य आय का जरिया भी इस अबैध उत्खनन को माना जाता है ।


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