दबंग रिपोर्ट बैराड़- धीरज कुमार बालौठिया
बैराड़ नगर ही नहीं बल्कि सम्पूर्ण पोहरी विधानसभा के अंतर्गत आने बाले हर छोटे बड़े गाॅव,कस्बे में आज गली-गली में झोलाछाप डाॅक्टरों ने अपने डेरे डाल रखे हैं जिसका खामियाजा भी कई बार आमजन को झेलना पड़ा है लेकिन बात तो यह है कि आखिर स्वास्थ्य महकमा इस मामले से कैसे अंजान बना हुआ है,क्या बाकई में स्वास्थ्य महकमे को इस मामले से कोई लेना-देना नहीं है या फिर लेने-देने के फेर में ही आमजन को इन झोलाछापों के हवाले कर दिया गया है ।
देखते ही देखते बैराड़ नगर में आज गली-गली में ये झोलाछाप आपको अपना डेरा जमाये आसानी से मिल जायेंगे जिनके पास न तो कोई वैध उपलब्धी है और न ही कोई विशेष अनुभव लेकिन इस के बावजूद भी वे खुलेआम अपने क्लीनिक संचालित किये हुऐ हैं यही नहीं बल्कि झोलाछापों की यह तादात तो जब और अधिक बड़ गई जब युवा बर्ग ने कुछ माह इन क्लीनिकों पर काम कर ग्रामीण इलाकों में स्वयं के क्लीनिक खोल डाले ।
इससे भी बड़ी बात तो यह आती है कि हर वर्ष लगभग दर्जन भर केस इन झोलाछापों के माध्यम से आते हैं जिसमें आमजन (मरीज) को भारी नुकसान उठाना पड़ता है यहाॅ तक की कई बार तो यह जानलेबा भी साबित होता है।
लेकिन बाबजूद इस सबके स्वास्थ्य महकमा चैन की नींद सोया हुआ है यहाॅ स्वास्थ्य केन्द्र में बीएमओ का पद बसूली मात्र रह गया है जो भी आता है चैन से अपने कार्यालय में बैठ गैरकानूनी कार्याें पर अपनी सेबा शुल्क निर्धारित कर खामोश हो जाता है इसके अलाबा यदि कभी औपचारिक तौर पर यदि कोई कार्यवाही की भी जाती है तो चंद घण्टों बाद उसका कोई अता-पता भी नहीं लगता ,नतीजा सिफिर ही रहता है
साथ ही बरिष्ठ अधिकारीयों को भी इस मामले से कोई लेना देना नहीं होता कि उनके अधीनस्थ क्या कर रहे हैं क्योंकि उन तक भी कमीशन पहुंचाया जाता है लेकिन इस सब के बीच खोखले दावे करने बाले हमारे नेता,जनप्रतिनिधी भी मूक दर्शक बने हुऐ हैं ।
यह एक गंभीर विषय है जिस पर कार्यवाही किया जाना अतिआवश्यक है।