दबंग रिपोर्ट कोलारस-
कोलारस जनपद पंचायत के अंतर्गत आने बाली नौ ग्राम पंचायतों में विगत कुछ माह पूर्व नवीन पंचायत भवनों को स्वीकृति दी गई है यहां बताना लाजमी होगा कि उक्त पंचायत भवन का निमार्ण लगभग 14.48 लाख रूपये की लागत किया जाना मुजूर हुआ है जिसे सर्व सुविधायुक्त बनाया जाना है जिसका कार्य कुछ ग्राम पंचायतों में प्रारम्भ हो गया है तथा कुछ में अभी जगह चिन्हित की गई हैं लेकिन जिन ग्राम पंचायतों में यह कार्य शुरू हो गये हैं उन्हें यदि देखा जाये तो 14.48 लाख की लागत से बनने बाले इन पंचायत भवनों में घटिया सामग्री का उपयोग किया जा रहा है, महुअर की जगह सिंध की काली रेत तथा घटिया ईट का उपयोग कर इन्हें बनाया जा रहा है, इतना ही नहीं बल्कि इन भवनों के आधार स्तम्भों में हल्के सरिये का उपयोग किया जा रहा है।जिसकी जांच किया जाना चाहिये।
35प्रतिशत कमीशन है निर्धारित,आखिर कैसे हो जांच-
अभी हाल ही चुनावी कवरेज के द्वारान कोलारस ब्लाॅक की ग्राम पंचायत पचावली में जब हमारी दबंग टीम ने नवीन पंचायत भवन निमार्ण का जायजा लिया तो यह सामने आया उक्त पंचायत भवन के निमार्ण में गुणवत्ता को पूर्णतः दरकिरनार कर यह निमार्ण कराया जा रहा है जिस पर हमारी टीम द्वारा एक जनप्रतिनिधी से जब मौखिक रूप् में इस विषय पर चर्चा की गई तो उनका कहना था कि यह शासकीय कार्य हैं ऐसे ही होते हैं इस पर हमारी ओर से जब प्रशासनिक कार्यवाही की बात की गई तो वेहद ही मजाकिया अंदाज में जबाब देते हुऐ उक्त जनप्रतिनिधी का कहना था कि 35 प्रतिशत कमीशन तो प्रशासन को ही चला जाता है फिर बाद में 10 प्रतिशत सरपंच,सचिव का होता है, ऐसे में कुल मिलाकर 45 प्रतिशत तो बटौना ही बंट जाता है उसके बाद कहीं जाकर कोई निमार्ण शुरू होता है तो बताइऐ फिर गुणवत्ता कहां से लायें, इसी के साथ ही इन्होंने बताया कि कोई कार्यवाही नहीं होती सब ऐसे ही चलता है।प्रशासन सब जानता है।
इन भवनों से लाख गुना मजबूज हैं पीएम आबास-
जी हां ग्राम पंचायतों में 14.48 लाख की लागत से बनाये जा रहे पंचायत भवनों की अपेक्षा शहरी क्षेत्रों में 2.5लाख की लागत से बनाये गये पीएम आवास लाख गुना वेहतर हैं, जिसका स्पष्ठ कारण यह है कि इन भवनों को किन्हीं प्रशासनिक नुमाइंदो या जनप्रतिनिधियों के माध्यम से न बनवाये जाकर स्वयं हितग्राही द्वारा बनाये जा रहे हैं इसलिय यहां कमीशन खोरी का कोई प्रश्न ही नहीं उठता, और इसी के फलस्वरूप हम देख सकते हैं कि इन पंचायत भवनों की अपेक्षा पीएम आवास कई गुना मजबूत बने हुऐ हैं।