दबंग रिपोर्ट शिवपुरी-
शिवपुरी जिले में काफी समय से सिंध का सीना छलनी कर रेत उत्खनन का गोरख धंधा बदस्तूर जारी है यही नहीं बल्कि आज जिले में रेत खनन को लेकर होड़ लगी हुई है आज हर छोटी-मोटी पकड़ रखने बाले व्यक्ति के लिये रेत खनन एक मशहूर धंधा बन गया है जिसे बह कम समय में अधिक कमाई का अच्छा रोजगार मानने लगा है लेकिन इस अबैध कारोबार के चलते प्रकृति को होने बाले अमूल्य नुकसान को दरकिनार कर बड़े पैमाने पर समाज का एक महत्वपूर्ण हिस्सा इस अबैध कारोबार में पूर्णतः लिप्त है लेकिन आज दिनांक तक ऐसा कोई अधिकारी नहीं देखा गया जो इस पर लगाम लगा सका हो ,लेकिन हाॅ ऐसा जरूर होता है कि जिले में या जिले के अंतर्गत आने बाली तहसील कोलारस,बदरवास,करैरा,पोहरी,पिछोर में जब भी कोई नई प्रशासनिक आमद होती है खासकर पुलिस विभाग और तहसील में, बह अबैध उत्खनन पर एक माह या सप्ताह जमकर गरजती है और समाचारों में खूब सुर्खिया बटोर रेत माफियाओं से संधि कर ली जाती है और फिर यह अवैध कारोबार ज्यों का त्यों चलने लगता है ।
जिसे देखकर हम क्या कहें ,क्या प्रशासन इन रेतमाफियाओं के आगे बौना पड़ गया है या फिर प्रशासनिक अधिकारीयों के मासिक बजट का हिस्सा यह अबैध कारोबार बन गया है?
आकड़ों के तौर पर यदि हम बात करें तो जिले में प्रतिदिन लगभग 500ट्राली रेत का अबैध उत्खनन किया जा रहा है यानी कि प्रतिदिन के हिसाब से अगर आंकलन करें तो माह बार लाखों रूपये का राजस्व को चूना लगाया जा रहा है लेकिन इस सब के बावजूद भी प्रशासन का इस विषय पर चुप्पी साधना यह स्पष्ठ करता है कि इस अबैध कारोबार की मिली-जुली मोटी रकम प्रशासनिक अधिकारीयों के हिस्से में आती है।
ये हैं किंग आॅफ सिंध-
सिंध का सीना छलनी करने के लिये अगर किसी प्रकार से पुरूष्कृत किये जाये ंतो जिले के राजनेता,जनप्रतिनिधी और कलमकारों स्थान प्रथम श्रेणी के लिये सुरक्षित है और असी के साथ दूसरा स्थान पुलिस विभाग एवं अन्य कर्मचारी वर्ग के लिये सुरक्षित है ।
और यही बह अंग हैं जो इस अबैध कारोबार के विरूद्व आबाज उठाने एवं कार्यबाही हेतु सक्षम हैं लेकिन इन्हीं का इस कारोबार में लिप्त होना यह स्पष्ठ करता है कि यह कारोबार जिले में किस पैमाने पर फल-फूल रहा है।
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