देश विदेश में प्रसिद्ध धनिया मण्डी कुम्भराज में श्री हनुमान रामलीला मण्डल समिति द्वारा आयोजित 15 दिवसीय रामलीला महोत्सव का समापन रावण वध के साथ किया गया। रामलीला कमेटी ने बताया कि यहां बीते 8 वर्षों से रामलीला का शांतिपूर्ण तरीके से आयोजन किया जा रहा है। चल रही रामलीला में मर्यादा पुरुषोत्तम राम के राजलितक के साथ समापन हुआ। लंका का राज विभीषण को सौंप और राम अयोध्या लौट आए। वहाँ पर गुरु वशिष्ठ ने श्री राम का तिलक कर उन्हें अयोध्या के सिंहासन पर बैठाया। प्रजाजनों ने पुष्पवर्षा कर भगवान का गुणगान किया। राम का राजतिलक होने पर दर्शक खुशी से झूम उठे। लीला समापन पर श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरित किया गया। वही रामलीला अध्यक्ष गुलाबसिंह केवट ने बताया की रामलीला करना केवल हिंदू धर्म के महानायक श्रीराम के चरित्र के प्रचार प्रसार का माध्यम है, अपितु अपने धर्म हिन्दू संस्कृति को सहेजकर रखने का माध्यम भी है। यदि कलाकारों को उचित वातावरण मिले तो यह एक सुखद भविष्य का निर्माण भी कर सकते है। साहित्य व संस्कृति से जुड़े कलाकार अपनी जीवंत प्रस्तुति देकर हिन्दू ग्रंथ रामचरित मानस के प्रचार प्रसार में सफल रहे। और कहा की रामलीला क्षैत्र से विलुप्त होती जा रही है। इसे कायम रखने के लिए यह आयोजन कुम्भराज में किया जा रहा है। बड़े दिनों बाद यहां अब प्रति वर्ष इस तरह का आयोजन होना स्थानीय लोगों को खूब भाया। फिर भी रामलीला का मंचन देखने वालों की संख्या बहुत अधिक रही। राम की भूमिका में बंटी शर्मा, लक्ष्मण पंडित मनीष वशिष्ठ, सीता राधेश्याम मीना शिक्षक व हनुमान मुरली शर्मा व भानू शर्मा, अंगद रामपाल चौहान, निषादराज घनश्याम दास केवट, श्रवण कुमार मनीष कुमार साहू, कवि का अभिनय संरक्षक श्यामसुन्दर बिहाणी व डॉ.गोविंद नारायण शर्मा ने किया जबकि रावण की भूमिका लक्ष्मणसिंह गुर्जर ने किया। इस मौके पर रामलीला मण्डल संरक्षक में ब्रजमोहन खंडेलवाल, के.ऐन.राजौरिया, नंदकिशोर खेडापति, कृष्णबिहारी शर्मा, सदस्य भारतसिंह गुर्जर, मुरारीलाल मीना, वेदप्रकाश शर्मा, सोनू शर्मा, जगदीश कुशवाह, महेंद्र नामदेव, नन्दकिशोर साहू ,रामनारयण प्रजापति, गोपाल सेन, गोपीलला बुनकर, बद्री मैथिल, जयसिंह मीना, प्रकाश राव, रामस्वरुप प्रजापति, ओमप्रकाश शर्मा, संजीव गुप्ता, जितेंद्र वशिष्ठ, विनोद साहू, अनंत कुमार शर्मा, रामायण वाचक अरुण पाराशर, रमेश केवट, राधेश्याम केवट, रामहेत मीना आदि रामलीला मण्डल कलाकार एवं सदस्य मुख्य रूप से मौजूद रहे। रामलीला कोषाध्यक्ष केदारमल साहू ने कहा कि रावण बुराई का प्रतीक है। लंकेश का वध तभी होगा जब हम अपने भीतर मौजूद समस्त अवगुणों व बुराइयों को समाप्त करेंगे। और प्रशांत कुमार अग्रवाल कार्यकरिणी अध्यक्ष, देवेन्द्र कुमार गुप्ता महामंत्री, दिलीप राजपूत ने समस्त रामलीला सहयोगी कर्ताओं का आभार व्यक्त किया।
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