दबंग रिपोर्ट कोलारस -
कोलारस उपचुनाव जीतने के बाद अब आम चुनाव में भी कांग्रेस ने पुन: महेन्द्र यादव को अपना प्रत्याशी घोषित किया हैा लेकिन उपचुनाव से राजनीति में सक्रिय हुऐ महेन्द्र यादव चंद 8 माह में ही एक विवादित विधायक कहलाने लगे हैं ,महेन्द्र यादव ने अपने राजनीतिक सफर या फिर यूं कहें कि विधायक कार्यकाल में अपने ही खैमे में अपना स्तर काफी गिरा लिया है जिसका कारण कुर्सी और महेन्द्र का एकतरफा प्रेम माना जा रहा है जिसके चलते महेन्द्र यादव ने न केवल अपने सहियोगीयों को ही बल्कि अपने बरिष्ठों को भी कोई महत्व नहीं दिया ,जिन कांग्रेसीयों ने उपचुनाव के समय महेन्द्र का एकाएक सहियोग कर दन्हें विधानसभा पहुचाया था उन्हीं नेताओं को बाद में कोई तब्बजो न मिलने से महेन्द्र यादव अपने ही खैमे में विवादित हो गये और दूसरा फिर स्थानीय समस्याऐं भी जस की जस वने होने के चलते जनता ने इन्हे कथित तौर पर निष्क्रिय विधायक का खिताब भी दे डाला ।
इस सब के बावजूद भी कांग्रेस द्वारा आम चुनाव में बरिष्ठ नेता वैजनाथ सिंह यादव को अंदेखा कर पुन: महेन्द्र यादव को प्रत्याशी बनाया हैैै, लेकिन यहां एक बात तो साफ है कि पार्टी सहित विधानसभा आवाम में महेन्द्र का भारी विरोध चुनाव मैदान में खासी मुसीबतों का सबब वन सकता है जो कि महेन्द्र यादव के पुन: विधानसभा पहुंचने के ख्वाव को साकार करने के लिये अंगारों पर चलने के समान हो सकता है।
वर्तमान स्थिति को देखते हुऐ यहॉ कहना कोई बड़ी बात नहीं होगा कि इस चुनाव के साथ ही महेन्द्र यादव का राजनीतिक सफर थम सकता है।