कोलारस विधानसभा में हुए उपचुनाव में जो भूल भाजपा द्वारा हुई थी उसे सुधारने के प्रयास के चलते इस बार आम चुनाब में पार्टी द्वारा एक नए चेहरे के रूप में वीरेंद्र रघुवंशी को चुनाव मैदान में उतारा गया है जबकि भाजपा पार्टी के लगभग सभी स्थानीय और कुछ बाहरी नेता इसका पुरजोर विरोध भी कर रहे थे लेकिन पार्टी द्वारा सभी अटकलों को नजरअंदाज कर वीरेंद्र को प्रत्याशी घोषित किया गया जिसके बाद से पार्टी के कार्यकर्ताओं में खासी नाराजगी भी देखने को मिल रही थी लेकिन वरिष्ठों द्वारा किसी प्रकार से इन नाराज कार्यकर्ताओं को संगठित करने का भी भरसक प्रयास किया गया जिसके बाद कुछ तो साध लिए गए ,लेकिन कुछ की नाराजगी इतनी है कि उनको साधना अब मुश्किल ही नहीं नामुमकिन सा प्रतीत हो रहा है और हर बार की तरह इस बार भी पार्टी को इसका बड़ा खामियाजा भुगतना पड़ सकता है ।
जहाँ एक ओर पार्टी द्वारा जिस भूल को सुधारने के प्रयास के चलते वीरेंद्र को टिकिट दिया गया है तो बहीं दूसरी ओर कार्यकर्ताओं की बर्तमान स्थित उसी भूल को पुनः दोहराने जैसा संदेश दे रही है ।