नेशनल स्ट्रेजजिक प्लान 2025 आरएनटीसी टीबी कार्यक्रम के तहत टी.बी.(क्षय रोग) को भारत से समाप्त किए जाने हेतु आईएमए शिवपुरी एवं आईसीएमआर जबलपुर द्वारा एक संयुक्त कार्यशाला शनिवार को होटल सोनचिरैया शिवपुरी में सम्पन्न हुई। जिसमें समस्त चिकित्सकगण उपस्थित हुए।
कार्यशाला को संबोधित करते हुए जबलपुर से आए आईसीएमआर के डॉ.व्ही.के.तिवारी ने कहा कि सहरिया जनजाति क्षय रोग से अधिक ग्रसित है, जिसका मुख्य कारण पोषण आहार में कमी एवं स्वच्छता का विशेष ध्यान न रखा जाना है। उन्होंने कहा कि आईसीएमआर कम्यूनिटी वालेंटियर के माध्यम से घर-घर जाकर सहरिया जनजाति के परिवारों में टीबी की बीमारी का पता लगाकर उनका निःशुल्क जांच एवं उपचार किया जा सकेगा। कार्यक्रम को मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.अर्जुन लाल शर्मा ने कहा कि क्षय रोग एक गंभीर बीमारी है। जिले में इसकी जांच एवं उपचार की निःशुल्क व्यवस्था है। उन्होंने उपस्थित चिकित्सकों से आग्रह करते हुए कहा कि प्रत्येक क्षय रोग के मरीज का निक्क्षय सॉफ्टवेयर में पंजीयन अवश्यक कराए। जिससे टीबी के मरीजों की सही संख्या का पता लग सके। डॉ.शर्मा ने डेंगू एवं मलेरिया रोग के नियंत्रण के संबंध में भी विस्तार से जानकारी दी। आईएमए के जिला अध्यक्ष डॉ.निसार अहमद ने आरएनटीपीसी के कार्यक्रम में किए गए नए बदलाव तथा सन् 2025 तक किस प्रकार से टीबी की बीमारी को देश से समाप्त करना है, इस पर अपने विचार व्यक्त किए। जिला क्षय अधिकारी डॉ.आशीष व्यास ने टीबी की बीमारी के कारण जांच एवं उपचार तथा विशेष रूप से एमडीआर, एक्सडीआर टीबी एवं सीबीनेट मशीन द्वारा की जाने वाली जांचों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि क्षय रोग के बिगड़े हुए मरीजों के उपचार के लिए विडाक्यूलिन, डेलामिनिड जैसी दवाओं का उपयोग किया जाता है। उन्होंने टीबी की बीमारी का डायबिटीज एवं एचआईबी से किस प्रकार संबंध है, इस पर भी प्रकाश डाला। कार्यशाला का शुभारंभ कार्यक्रम के समन्वयक चितरंजन कुमार ने किया।